जानिए क्या है कर्नाटक में मंदिरों पर टैक्स लगाने पर विवाद,बीजेपी ने साधा निशाना, सीएम सिद्धारमैया ने जारी किया बयान
Karnataka Temple Tax Row: कर्नाटक सरकार द्वारा हिंदू धार्मिक संस्थाएं और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक को विधानसभा में बुधवार को पारित किया गया. इस पर राज्य की मुख्य विपक्षी दल भाजपा कांग्रेस पर निशाना साध रही है. वहीं, कर्नाटक के सीएम ने बयान जारी किया है. जानिए क्या है ये पूरा विवाद.
Karnataka Temple Tax Row: कर्नाटक सरकार ने दस लाख रुपये की सकल आय अर्जित करने वाले मंदिरों से रेवेन्यू इकट्ठा करने से संबंधित हिंदू धार्मिक संस्थाएं और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक को विधानसभा में बुधवार को पारित किया गया.राज्य सरकार के कदम की विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने निंदा की है. साथ ही सत्तारूढ़ दल पर मंदिरों के पैसों से अपना ‘खाली खजाना’ भरने की कोशिश करने का आरोप लगाया. इसके बाद कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने बयान जारी किया है.
Karnataka Temple Tax Row: सीएम सिद्धारमैया ने जारी किया बयान, तीर्थयात्रियों को सुविधा प्रदान करना
कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया ने कहा, 'भाजपा नेताओं के निराधार आरोपों का उद्देश्य केवल जनता को गुमराह करना और राजनीतिक लाभ के लिए सांप्रदायिक आधार पर लोगों का ध्रुवीकरण करना है. भाजपा नेताओं को अपने अनैतिक कृत्यों को लेकर शर्म आनी चाहिए. 1997 में अधिनियम के लागू होने के बाद से हमेशा एक सामान्य पूल बनाने का आदेश दिया गया है. सामान्य पूल का प्रबंधन केवल हिंदू धर्म से जुड़े धार्मिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है.’ सरकारी सूत्रों ने कहा कि विधेयक का उद्देश्य ‘ए’ श्रेणी में शामिल मंदिरों के अधिकार क्षेत्र में तीर्थयात्रियों को सुविधाएं और सुरक्षा प्रदान करना है.
The allegations regarding the Karnataka government's amendments to the Hindu Religious Institutions and Charitable Endowment Bill appear to be misrepresented for political gain. There has always been a mandate to create a common pool since the enactment of the Act in 1997. Before… pic.twitter.com/HQt0JxjU5j
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) February 22, 2024
Karnataka Temple Tax Row: केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा- 'निचले स्तर पर तक गिर गई राज्य सरकार'
केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने कर्नाटक विधानसभा द्वारा पारित हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक को लेकर राज्य की कांग्रेस सरकार की आलोचना की और कहा कि ऐसा करके राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी एक नये ‘निचले स्तर’ तक गिर गई है. राजीव चंद्रशेखर ने कहा, ‘हर बार जब आप सोचते हैं कि राहुल गांधी की पार्टी कांग्रेस और निचले स्तर तक नहीं गिर सकती, तो उनके और भी न्यूनतम स्तर तक गिरने का एक नया उदाहरण सामने आ जाता है.’
Karnataka Temple Tax Row: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने किया पोस्ट, मंदिरों के राजस्व पर बुरी नजर
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने ‘X’ पर एक पोस्ट में इस कदम को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा, ‘भ्रष्ट, अयोग्य ‘लूट सरकार’ ने धर्मनिरपेक्षता की आड़ में हिंदू विरोधी विचारधारा के साथ, मंदिरों के राजस्व पर अपनी बुरी नजर डाली है. हिंदू धार्मिक बंदोबस्ती संशोधन अधिनियम के माध्यम से, यह अपने खाली खजाने को भरने के लिए हिंदू मंदिरों और धार्मिक संस्थानों से दान के साथ-साथ चढ़ावे को भी हड़पने की कोशिश कर रही है.
Karnataka Temple Tax Row: बी.वाई.विजयेंद्र बोले- 'पांच प्रतिशत राजस्व हड़पने की योजना'
कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने कहा कि सरकार की योजना एक करोड़ रुपये से अधिक आय वाले मंदिर के राजस्व का 10 प्रतिशत और पांच करोड़ रुपये से कम की आय वाले मंदिर के राजस्व का पांच प्रतिशत हड़पने की है. उन्होंने कहा कि मंदिर के राजस्व का इस्तेमाल पूरी तरह से मंदिरों के जीर्णोद्धार और भक्तों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए किया जाना चाहिए, न कि इसे अन्य उद्देश्यों के लिए खर्च किया जाना चाहिए.
Karnataka Temple Tax Row: 21 फरवरी को विधानसभा से पारित किया गया विधेयक
कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती (संशोधन) विधेयक 21 फरवरी को राज्य विधानसभा में पारित किया गया था. इस विधेयक के संबंध में, राज्य सरकार ने कहा कि साझा योगदान वाले कोष की राशि बढ़ाना, अधिसूचित संस्थानों की प्रबंधन समिति में विश्व हिंदू मंदिर वास्तुकला और मूर्तिकला में कुशल व्यक्ति को शामिल करना और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए मंदिरों और बुनियादी ढांचे में सुधार के वास्ते जिला और राज्य स्तरीय समितियों का गठन करना आवश्यक था.
11:38 PM IST